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    भवन एवं बाला पहल

    शिक्षण सहायता के रूप में निर्माण (बी.ए.एल.ए.)

    बी.ए.एल.ए.(बाला), विद्यालय के बुनियादी ढांचे में बच्चों के अनुकूल, सीखने और मनोरंजन आधारित भौतिक वातावरण के निर्माण के माध्यम से शिक्षा में गुणात्मक सुधार की दिशा में एक अभिनव अवधारणा है।

    बाला विद्यालय के बुनियादी ढांचे की समग्र रूप से योजना बनाने और उसका उपयोग करने का एक तरीका है।

    इसमें  गतिविधि आधारित शिक्षा, बाल मित्रता और विशेष आवश्यकता वाले बच्चों के लिए समावेशी शिक्षा (सीडब्ल्यूएसएन) के विचार शामिल हैं।

    यह माना जाता है कि विद्यालय की वास्तुकला शिक्षण-सीखने की प्रक्रियाओं के लिए एक संसाधन हो सकती है।

    यह अवधारणा मूल रूप से यूनिसेफ के सहयोग से सेंटर फॉर आर्किटेक्चरल रिसर्च एंड डिजाइन, विन्यास द्वारा विकसित की गई थी।
    केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अपने विद्यालयों के लिए बीएएलए अवधारणा को अपनाने का निर्णय लिया है।

    विद्यालय में विभिन्न विभागों, प्रयोगशालाओं, पार्क और खेल के मैदान के साथ कुल 34 कक्षाएँ हैं।
    विद्यालय गर्व से “बाला” (लर्निंग एड के रूप में निर्माण) कार्यक्रम के तहत विभिन्न पहलों को लागू करता है, जैसे कि फाउंडेशनल लिटरेसी एंड न्यूमेरेसी (एफएलएन) और नेशनल इनिशिएटिव फॉर प्रोफिशिएंसी इन रीडिंग विद अंडरस्टैंडिंग एंड न्यूमेरेसी (निपुण)।

    इसका उद्देश्य विभिन्न विषयों में विद्यार्थियों की दक्षता बढ़ाना है। विद्यार्थियों के लिए एक आकर्षक और शैक्षिक वातावरण बनाने के लिए विभिन्न विषयों के महत्वपूर्ण पहलुओं को एकीकृत करते हुए, विद्यालय की दीवारों को ‘शिक्षण दिवारों’ में परिवर्तित कर दिया गया है।